RUBAI-किसकी आबाज है मुझे पुकारती।
किसकी आबाज है मुझे पुकारती।
मेरे सीेने में दर्द है उतारती।।
क्या सांस का जिस्म से निबा ख़तम हुआ।।
क्या मौत से ज़िंदगी है खेल हारती।।।।
मेरे सीेने में दर्द है उतारती।।
क्या सांस का जिस्म से निबा ख़तम हुआ।।
क्या मौत से ज़िंदगी है खेल हारती।।।।
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