DOHA-हो जा बाग़ की ऐ चिड़ी,झट से तु होशियार।

              दोहा 

हो जा बाग़ की ऐ चिड़ी,झट से तु होशियार।
आया तेरि तलाश में,बाग़ में चिड़ीमार।।

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