EK MATLA DO SHER-कुचल गया सिर तेरी जफ़ा का।

 एक मतला दो शेर

कुचल गया सिर तेरी जफ़ा का।
अदा करूं शुक्रिया ख़ुदा का।।
उसे नहीं है ज़रा मुहब्बत।
जिसे पढ़ाया सबक वफ़ा का।।
हबा के रूख पे उड़ाके मय को।
अजी हूं मैं मुस्तहिक सजा का।।

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