GHAZAL=मुफ़्त में क्या किया हासिल है तजूर्बा हमने

                  ग़ज़ल  

मुफ़्त में क्या किया हासिल है तजूर्बा हमने

                      ग़ज़ल
                       06

मुफ़्त में क्या! किया हासिल है तजुर्बा हमने
खूब लोगो पे लुटाया है असासा हमने


झेल हम तब लें तेरे खार बिना शिकबा हम
जब तेरे पास रखा रहन हो रूतबा हमने


यक ब यक ही बअसर संगदिलों तक में भी
लौ उठी जब कभी साज उठाया हमने


तारे गिन गिन के शवेहिज्रां गुज़ारी तन्हा
दिलरूबा देख लिया तेरा भी वादा हमने

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